Neeraj Mishraa | Neeraj Mishraa
सुधांशु नहीं त्रिवेदी.बाप अखिर बाप होता है.
26-Mar-2025

सुधांशु त्रिवेदी ऐसी बातें कर के साबित क्या करना चाहते हैं, भक्त शिरोमणि श्री हनुमान का अपना महत्व है और पिता पुत्र संबंधों का अपना महत्व, अगर ऐसा नहीं है तो मर्यादा पुरषोत्तम श्री राम ने अपनी पिता की अज्ञा का पालन करने 14 वर्षों का कठिन वनवास नहीं किया होता, ये विरोधाभाषी बातें करते रहते हैं और भक्त इसी को सत्य मान लेते हैं, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने और सुधांशु त्रिवेदी ने भारतीयों की नब्ज को पहचान रखा है कि कैसे धर्म के नाम पर जानता को बेवकूफ बनाया जा सकता है. सुधांशु त्रिवेदी को लगता है जो वो बोल दें वह ब्रह्म सत्य है भक्त भी इनकी भक्ति में इतना लीन है ये जानकारी वेरीफाई तक नहीं करते और हर बात पर यक़ीन कर लेते हैं, ये अपने non biological गुरु की भक्ति करने में सारी हदें पार कर जाते हैं.

A Video by Neeraj Mishra...